आध्यात्म की परछाई

1-धर्म की परछाई- धर्म का अध्ययन करना एक गूढ विषय है,हमारे विद्वान लोग कई प्रकार के धर्मों का उल्लेख करते हैं,जिनमें पहला प्रकार अज्ञानता का है,जिसमें लोग अपनी अज्ञानता को वर्दास्त नहीं कर पाते हैं,इसलिए वे इसे छुपाते हैं।ऐसा आभास नहीं होता कि कोई व्यक्ति कुछ भी नहीं जानता है। इस विधि में प्रारम्भ में ऐसा लगता है जैसे कि इससे सुरक्षा हो रही है,लेकिन अंतिंम रूप में यह बहुत विध्वंसक है। इसका मूल श्रोत ही अज्ञान है।वैसे धर्म को एक रोशनी माना गया है,एक प्रकाश है,धर्म एक समझ है,धर्म अपने होश और हवास में रहना है। लेकिन देखा गया है कि अधिकॉश लोग पहले तरह के धर्म में ही रहते हैं,बस वे उस रिक्तता को झुठलाते रहते हैं,वे अपने अज्ञानता की अंधेरी काली खाई से बचने का प्रयास करते हैं। ये लोग कट्टर और उन्मादी होते हैं,वे यह भी नहीं जानते हैं कि दुनियॉ में दूसरे तरह के धर्म भी हो सकते हैं।उनका धर्म ही एक मात्र धर्म है। क्योंकि वे अपने अज्ञान से इतने अधिक डरे हुये होत...