प्रेम, दयालुता एवं शांति
जब हम प्रेम प्रकट करना चाहते है तो हमे दयालुता पूर्ण शव्दो का प्रयोग करना चाहिये ।
एक वाक्य के अलग अलग मतलब होते है । यह अर्थ हमे किसी घटना के बारे मे कहने के अंदाज़ से लगता है । शब्द कर्कश है या नम्र ।
कई बार हमारे शब्द कुछ कहते है और उन्हे कहने का अंदाज़ कुछ और ही होता है ।
हम दो तरफा संदेश भेज रहे होते है, दूसरा व्यक्ति हमारे शव्दो के आधार पर नहीं, हमारे कहने के अंदाज़ से हमारे संदेश का अर्थ लगाता है ।
दयालुता पूर्ण स्वर से हम किसी के दुख, चोट और गुस्से को बाँट सकते है । यही प्रेम की निशानी है । नहीं तो आमतौर पर समझा जाता है कि मुसीबत में सब साथ छोड़ जाते है ।
अगर कोई परेशानी मे है तो उस समय दयालु शबदो से जबाब दो । वह जल्दी ही उस से बाहर आ जायेगा । नहीं तो वह डिप्रेशन में जा सकता है । वह मानसिक रोगी भी बन सकता है ।
एक शांत उतर क्रोध को दूर भगाता है ।
जीवन साथी गुस्से में है, परेशान है और कटु शबदो का प्रयोग कर रहा है ।
अगर आप प्यार चाहते है तो उसी तरह के कटु वचनों का प्रयोग करने के बजाय शांत स्वर में जवाब दो ।
उसकी भावनाओ के पीछे छिपे कारणों पर ध्यान दो । यह समझने की कोशिश करो कि वह इतना उदास और क्रोधित क्यों है ?
उसकी भावनात्मक चोट पर अपने दयालुता पूर्ण शव्दो का मरहम लगाओ ।
उसके कारणों को नहीं समझ पायें है तो अपनी समझ से उसके प्रति दयालु
ता पूर्ण शव्दो का प्रयोग करो ।
इस से आप में समझ और समझोते की भावनायें विकसित होंगी । दूसरे पर अपना नज़रिया नहीं थोपेंगे ।
प्रेम में गलतियों का बहीखाता नहीं रखा जाता । पिछली असफलताओं का हिसाब किताब नहीं रखा जाता ।
दुनिया में कोई भी व्यक्ति आदर्श नहीं होता । सभी हमेशा सही काम करेगें यह ज़रूरी नहीं है । बस सिर्फ यह ध्यान रखे कि सामने वाले को भावनात्मक चोट ना पहुँचे । यह जो कहते है कहना बेटी को परंतु सुनाना बहू को । यह गलत ढंग है ।
कई टीचर्स किसी विद्यार्थी को टारगेट कर के क्लास में ऐसे ऐसे वाक्य बोलती है जो वह आहत हो जाते है । इस से दूरिया बढ़ती है । उस समय आप अपने को देखो क्या ऐसे शिक्षा के शब्द बोलने से आप को बुरा बुरा लग रहा है तो समझो इस का फल कितना कड़वा होगा ।
कभी आप से भी गलती होगी तब वे आपको छोडेंगे नहीं । अब नहीं तो अगले जन्म बदला लेगें । आप सदा ऊंच पदों पर नहीं रहेंगे । यह कड़वा सच्च है । अगर अब आप पति है तो अगले जन्म पत्नी भी बनेंगे । इसलिये अभी से प्यार करो ।
गलती के बदले सजा देते है तो आप न्यायधीश बन जाते है और वह अपराधी । इस से प्यार नहीं बढेगा । कटुता बढेगी । उसकी गलती भूल जाओ । उस से वह व्यवहार करो, जो अगर वह श्रेष्ट काम करता तो आप उस से कैसे व्यवहार करते ।
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